TOP BEST HINDI STORY SECRETS

Top best hindi story Secrets

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राजू दूसरी क्लास में पढ़ता है। उसकी मैडम ने मक्खियों के कारण फैलने वाले बीमारी को बताया।

"गुड़-गुड़ दी एनेक्सी दी वेध्याना दी मूंग दी दाल ऑफ़ दी पाकिस्तान एंड हिंदुस्तान ऑफ़ दी दुर्र फिट्टे मुंह......!"

सुरीली सोच में पड़ गई , इतनी तेज बारिश में खाना कहां से लाऊंगी। मगर खाना नहीं लाया तो बच्चों का भूख कैसे शांत होगा। काफी देर सोचने के बाद सुरीली ने एक लंबी उड़ान भरी और पंडित जी के घर पहुंच गई।

बहुत-से लोग यहाँ-वहाँ सिर लटकाए बैठे थे जैसे किसी का मातम करने आए हों। कुछ लोग अपनी पोटलियाँ खोलकर खाना खा रहे थे। दो-एक व्यक्ति पगड़ियाँ सिर के नीचे रखकर कम्पाउंड के बाहर सड़क के किनारे बिखर गए थे। छोले-कुलचे वाले का रोज़गार गर्म था, और कमेटी के नल मोहन राकेश

यह कहानी पंचतंत्र या ईसप की सूत्र कथाओं की तरह है, लेकिन मौजूदा दौर में भोगवादी (हेडोनिस्ट या फिलिस्टिनिस्टिक कंज़्यूमरिज़्म) मानसिकता की वजह से अपनी स्वतंत्रता खोकर ग़ुलाम हो जाने की प्रवृत्ति पर यह एक स्मरणीय टिप्पणी है.

(एक) खजूर के वृक्षों की छोटी-सी छाया उस कड़ाके की धूप में मानो सिकुड़ कर अपने-आपमें, या पेड़ के पैरों तले, छिपी जा रही है। अपनी उत्तप्त साँस से छटपटाते हुए वातावरण से दो-चार केना के फूलों की आभा एक तरलता, एक चिकनेपन का भ्रम उत्पन्न कर रही है, यद्यपि अज्ञेय

सियार किसान के घर गया और उसे अगले दिन सुबह कही चलने को तैयार रहने को कहा। अगले दिन सुबह, किसान और सियार राजमहल की तरफ निकल पड़े। राजमहल के पास पहुँच कर किसान घबरा गया। उसे लगा सियार राजा से कह कर उसे सज़ा दिलवाएगा। डरते डरते किसान महल के अंदर गया। राजा किसान को देखते ही खुश हो गया। पर किसान दर के मारे काँप रहा था। तब राजा ने किसान को बताया की उसने किसान को सज़ा देने के लिए नहीं बल्कि उसे नौकरी देने के लिए बुलाया था। अब किसान की जान में जान आयी। राजा ने किसान को अपने पास नौकरी पर रख लिया और उसकी साड़ी गरीबी दूर कर दी।

इमेज कैप्शन, राजेंद्र यादव संकलित इस किताब में उषा प्रियंवदा, कृष्णा सोबती, कमलेश्वर, रेणु और भीष्म साहनी की कहानियाँ संकलति हैं.

Image: Courtesy Amazon A novel penned by Kashinath Singh, this Hindi fiction e-book was initially revealed in Hindi. Set in the spiritual and cultural hub of Varanasi, the novel delivers a vivid portrayal of the town’s multifaceted lifestyle and its socio-cultural intricacies. Kashinath Singh explores the complexities of town from the lens of its residents, capturing the essence of Varanasi’s ancient traditions, spiritual methods, along with the clash in between modernity and age-old customs.

उन हिरणियों के पैरों से विशाल को चोट लगी, वह रोने लगा।

अचानक हिरण का झुंड तालाब read more में पानी पीने आया। ढेर सारी हिरनिया अपने बच्चों के साथ पानी पीने आई थी।

‘क्यों बिरजू की माँ, नाच देखने नहीं जाएगी क्या?’ बिरजू की माँ शकरकंद उबाल कर बैठी मन-ही-मन कुढ़ रही थी अपने आँगन में। सात साल का लड़का बिरजू शकरकंद के बदले तमाचे खा कर आँगन में लोट-पोट कर सारी देह में मिट्टी मल रहा था। चंपिया के सिर भी चुड़ैल मँडरा फणीश्वरनाथ रेणु

बाबा भारती और खड़ग सिंह की यह कहानी मनुष्य के भीतर छिपी अच्छाइयों के पुनरुद्धार और दूसरे मनुष्य पर विश्वास की अनश्वरता की अद्भुत लोकगाथात्मक कहानी है.

एक महीने बीता पर कोकिला के कंठ से आवाज़ नहीं निकली। जगतगुरु इसका समाधान पूछने अपने राज्य के एक तपस्वी प्रशांत बाबा के पास गया। वहां प्रशांत बाबा ने उसे समझाया की शंगरीला की खुशहाली का राज़ कोकिला नहीं बल्कि ऋषिराज का दयालु और मेहनती स्वभाव है। प्रशांत बाबा ने जगतसुरु से अपने स्वार्थी स्वाभाव को छोड़ कर कोकिला को वापस लौटाने की सलाह दी। जगतगुरु ने प्रशांत बाबा की बात मानी और कोकिला को ऋषिराज को वापस लौटा दिया। कुछ दिन बाद डोंगरीला भी समृद्ध और खुशहाल राज्य बन गया।

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